उत्तराखंड की झांकी को मिला देश में तीसरा स्थान
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गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर ‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल’ पर आधारित उत्तराखंड की झांकी को लोगों की पसंद के आधार पर देश में तीसरा स्थान मिला है। गुजरात की झांकी ‘स्वर्णिम भारत: विकास और विरासत’ को प्रथम स्थान और उत्तर प्रदेश की झांकी महाकुंभ 2025- स्वर्णिम भारत विकास और विरासत को दूसरा स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड की झांकी को तीसरा स्थान मिलने पर प्रदेशवासियों और इसमें प्रतिभाग करने वाले सभी कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। उत्तराखण्ड की झांकी में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और यहां के साहसिक खेलों को बखूबी प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों को सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूरे समर्पण के साथ कार्य किये जा रहे हैं।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड की झांकी में राज्य से 16 कलाकारों ने भाग लिया। झांकी में उत्तराखण्ड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाती प्रसिद्ध ऐपण कला, उत्तराखण्ड के साहसिक खेलों एवं साहसिक पर्यटन को चित्रित किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और साहसिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी के रूप में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया। गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड की झांकी का नेतृत्व संयुक्त निदेशक सूचना के. एस. चौहान द्वारा किया गया। राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी उत्तराखण्ड के कलाकारों को द्वितीय स्थान मिला था।