कतर में कैद से छूटकर वतन लौटे भारतीय
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Aniruddh Vashisth
नई दिल्ली : कतर में फांसी की सजा पाने वाले सात भारतीय नागरिक नई दिल्ली पहुँच चुके हैं। भारत पहुंचे नागरिकों ने पीएम का धन्यवाद किया है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना भारत वापस आना हमारे लिए असंभव था। बतादें कि रविवार देर रात विदेश मंत्रालय ने बताया था कि सभी आठ नागरिकों को कतर ने रिहा कर दिया है। हालांकि, अभी सात ही भारतीय वापस लौटे हैं। भारत सरकार ने कतर के फैसले का स्वागत किया है। कतर ने जासूसी के आरोपों में आठ पूर्व नौसैनिक अफसरों को फांसी की सजा दी थी. नागरिकों ने एयरपोर्ट पहुंचते ही भारत माता की जय के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि हमने भारत वापस आने के लिए 18 महीने इंतजार किया है।
वापस आए आठाें पूर्व नौसैनिक दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम कर रहे थे जिन्हें अगस्त, 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया और इससे सम्बंधित कोई भी कोई जानकारी सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए। खबर है कि सभी पर पनडुब्बी परियोजना की जासूसी करने का आरोप था।
अल दाहरा ग्लोबल कंपनी कतर के सैन्य बलों व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण व अन्य सेवाएं मुहैया कराती है। एक साल से अधिक जेल में रहने के बाद पूर्व नौसैनिकों को कतर की निचली अदालत ने अक्तूबर में मौत की सजा सुनाई लेकिन ये माफ़ भी हो गई थी। आपको बतादें कि सजा के विषय में केंद्र सरकार को कोई जानकारी नहीं दी थी। भारत ने फैसले के खिलाफ अपील की। कतर प्राकृतिक गैस का भारत को बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
