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प्रेम, सौहार्द और एकता का प्रतीक है होली का पर्व

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Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi / Deshraj Sharma

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा के सरकारी आवास पर आयोजित पारंपरिक होली मिलन समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली पर्व प्रेम, सौहार्द तथा आपसी एकता का प्रतीक है। होली का पर्व हमारे समाज में सांस्कृतिक एकता और समरसता को भी सुदृढ़ करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि यह सामाजिक मेलजोल को प्रगाढ़ करने और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है। यह पर्व हमें आपसी भेदभाव भुलाकर एकता के सूत्र में बांधने की प्रेरणा देता है। उत्तराखंड की पारंपरिक बैठकी और खड़ी होली हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक हैं, जो समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश देता हैं।

समारोह में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया। सभी अतिथियों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और पारंपरिक संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साक्षी बनें। लोकगीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लासमय बना दिया, जिसमें अतिथियों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता रही।

इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राजसभा सांसद महेंद्र भट्ट, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला, दिल्ली के विधायक मनोज शौकीन आदि उपस्थित थे।

प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। राज्य सरकार इसी संकल्प के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की एस.डी.जी. (सतत विकास लक्ष्य) रिपोर्ट 2023-24 में उत्तराखंड की सर्वाेच्च रैंकिंग प्राप्त करने की उपलब्धि राज्य सरकार के समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जिससे प्रतीत होता है कि उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

उत्तराखण्ड यू.सी.सी लागू करने वाला बना देश का पहला राज्य।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने इसे समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक बड़ा सुधार बताते हुए कहा कि यह जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप है। लंबे समय से इस पर चर्चा चल रही थी, और अब उत्तराखंड ने इसे लागू कर देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल पेश की है।

उन्होंने कहा कि यह अवसर उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए भी ऐतिहासिक है। उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यू.सी.सी. से राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

सशक्त भू-कानून लागू करने की ऐतिहासिक पहल
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लागू सशक्त भू-कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उत्तराखंडवासियों की लंबे समय से उठ रही मांग को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, यह कानून प्रदेश के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है। इससे राज्य के लोगों की जमीन सुरक्षित रहेगी और अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगेगी।

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