12 नवंबर को स्कूलों में नहीं बजेगी घंटी,राज्य सरकार ने अवकाश किया घोषित
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
छठ महापर्व के बाद अब उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकपर्व इगास, जिसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, इस बार 12 नवंबर को मनाया जाएगा, और इस दिन भी राज्य में सरकारी अवकाश घोषित किया गया है।उत्तराखंड सरकार ने साल 2024 के अवकाश कैलेंडर में कुल 25 सार्वजनिक और 17 निबंधित छुट्टियां रखी हैं. इस कैलेंडर में कुल 27 से 31 अवकाश शामिल हैं, जो स्थानीय त्योहारों और परंपराओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. पर्वों के इस सिलसिले ने लोगों में एक अलग ही जोश और उत्साह भर दिया है।दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाने वाला इगास पर्व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में खासा लोकप्रिय है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खबर यहां 11 दिन बाद पहुंची थी, इसलिए यहां के लोग इसे कार्तिक शुक्ल एकादशी को मनाते हैं. इगास के दिन भैलो खेलने की परंपरा है, जिसमें लोग मशाल जलाकर एक विशेष नृत्य करते हैं।इगास या बूढ़ी दिवाली का उत्सव किसी भी तरह से दिवाली से कम नहीं होता. इस दिन भी घरों में दीये जलाए जाते हैं और पकवान बनाए जाते हैं. पहले इगास पर राज्य में छुट्टी नहीं होती थी, लेकिन अब सरकारी अवकाश घोषित होने के कारण लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं।
