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ट्रेनी डाक्टर के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा, मुख्यमंत्री ममता असंतुष्ट

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Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi/ Deshraj Sharma

पश्चिम बंगाल में सियालदह की एक सत्र अदालत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के अभियुक्त संजय रॉय को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर अभियोग पत्र पर प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयान और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अभियुक्त रॉय को दोषी करार दिया था।

सीबीआई ने आज अदालत से इस जघन्य अपराध के लिए अदालत से आरोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने की दलील दी थी। अदालत ने आज अपराह्न करीब पौने तीन बजे इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को उम्रकैद और 50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सीबीआई ने बिरले से बिरला मामला बताते हुए दोषी को मौत की सजा दिए जाने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है। वहीं, अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता चिकित्सक के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में 17 लाख दिए जाने का आदेश भी दिया।

पीड़िता प्रशिक्षु स्नातकोत्तर की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और अस्पताल में प्रशिक्षु रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत थी। पिछले साल नौ अगस्त को रात्रि ड्यूटी में नागरिकों की सहायता के रूप में स्वयं सेवी के रूप में कार्यरत संजय रॉय ने एक कक्ष में अकेले पाकर पीड़िता चिकित्सक के साथ दुष्कर्म किया और जघन्य तरीके से उसकी हत्या कर दी थी। इसके विरोध में कोलकाता से देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी।

इससे पहले सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में संजय रॉय को कोलकाता की एक अदालत ने दोषी करार दिया था। रॉय को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है, उसमें उसे न्यूनतम आजीवन कारावास, जबकि अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।

फैसला सुनाने से पहले दोषी को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है, मैने कोई अपराध नहीं किया है। इस पर सीबीआई ने कहा कि यह जघन्य अपराध है। इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। मामले में पीड़िता के माता-पिता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

अपनी दलील में संजय रॉय के वकील ने कहा कि दोषी को फांसी की जगह कोई और सजा दी जानी चाहिए। भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए। अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है। सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता असंतुष्ट

आरजी कर अस्पताल की प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असंतोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि, वह अदालत के  फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि, हम सभी ने मौत की सजा की मांग की थी लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास दिया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से जबरन ले लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती। मुर्शिदाबाद जिले में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने मामले में सीबीआई जांच पर सवाल उठाये।

उन्होंने कहा, हम सभी ने (दोषी के लिए) मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला हमसे जबरन ले लिया गया। अगर यह (कोलकाता) पुलिस के पास ही रहा होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस की तरफ से जांच किए गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई। मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं। 

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