1294 करोड़ में बदलेगी टिहरी की काया, मास्टर प्लान के तहत होंगे ये काम
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja
उत्तराखंड में इन दिनों तेजी से लोकार्पण- शिलान्यास हो रहे है। विकास योजनाओं के लिए वित्त स्वीकृति दी जा रही है। इसी कड़ी में अब टिहरी की काया कल्प होने वाली है। बताया जा रहा है कि टिहरी को विशेष पर्यटक क्षेत्र विकसित करने के लिए एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए 1294 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराने को स्वीकृति दे दी है। इसमें 80 प्रतिशत राशि एडीबी देगा, जबकि 20 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। आइए जानते है इस प्लान के तहत जिले में क्या कार्य किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार टिहरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पर्यटन मास्टर प्लान के लिए ईओआई जारी की गई है। परियोजना का लक्ष्य जहां पर्यटन के बुनियादी ढांचे का विकास करना है, वहीं क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ाने, आजीविका सृजन, ठोस एवं जल अपशिष्ट प्रबंधन और प्राकृतिक वातावरण में न्यूनतम व्यवधान के साथ विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव के तहत क्षेत्र में आईएसबीटी व सिटी सेंटर उन्नयन को 24.33 करोड़ और टिहरी हरित आवरण और वनीकरण के लिए 29.12 करोड़ रुपये पहले ही केंद्र सरकार स्वीकृत कर चुकी है।
वहीं कोटी कालोनी से डोबरा चांटी पुल तक 15.7 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। जिसमें साइक्लिंग ट्रेक, व्यू प्वाइंट भी होंगे कोटी कालोनी से तिवार गांव तक 450 मीटर लंबा ग्लास बाटम पैदल यात्री झूलापुल डोबरा चांटी में सांस्कृतिक हाट और उत्तराखंड वास्तुकला थीम पार्क तिवार गांव में बुनियादी ढांचे का उन्नयन टिपरी-मदन नेगी रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही टिहरी झील के लिए आधुनिक जल सुरक्षा व स्वच्छता उपकरणों की खरीद मौसम निगरानी प्रणाली, पर्यावरण आंकड़ा एकत्रीकरण और एकीकृत कमांड नियंत्रण केंद्र की स्थापना की जाएगी। गौरतलब है कि टिहरी जिले में सतत और समावेशी पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए टिहरी झील के आसपास के क्षेत्रों को विशेष पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए कई दौर की वार्ता के बाद एडीबी ने 1294 करोड़ की योजनाओं के लिए फंडिंग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। माना जा रहा है कि छह साल की अवधि में पूरी की जाने वाली इस परियोजना से क्षेत्र में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां प्रारंभ हो जाएंगे।
