17 जनवरी से बदलेगा उत्तराखंड में मौसम का मिजाज, यहां होगी बारिश और बर्फबारी
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman
उत्तराखंड में लगातार कोहरा और शीतलहर का कहर बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में कोल्ड डे जैसे हालात बने हुए है। लोग घरों में दुबक कर रहने को मजबूर हैं। घने कोहरे और भीषण ठंड के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्र में हल्का हिमपात होने से निचले क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। देहरादून समेत मैदानी क्षेत्रों को फिलहाल घने कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद कम है। लेकिन मौसम विभाग ने प्रदेश में 17 जनवरी से उच्च पहाड़ी इलाकों मे बारिश और बर्फबारी के आसार जताए गए हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट के अनुसार, 17 जनवरी को राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर तथा पिथोरागढ़ जनपदों तथा 18 जनवरी को राज्य के उत्तरकाशी, चमोली, पिथोरागढ़ जनपदों के 3000 मीटर व् उससे अधिक ऊँचाई वाले स्थानों में बहुत हल्की से हल्की बर्फबारी होने की संभावना है।
इसके अलावा मौसम विभाग ने 15 जनवरी से 17 जनवरी तक राज्य के देहरादून, पौड़ी तथा नैनीताल जनपदों के मैदानी क्षेत्रों के कुछ स्थानों में रात्रि/सुबह के समय उथला से मध्यम कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है। ऐसे में मौसम विभाग ने पाला पड़ने और घने कोहरे की स्थिति में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
पाला पड़ने और घने कोहने की स्थिति में क्या नुकसान हो सकता है-
• पाला फसलों की कोशिकाओं को क्षति पहुँचाकर फसलों को नुकसान पहुँचाता है, जिससे कीट और रोगों के फसल पर आक्रमण की संभावना होती है।
• बर्फ के जमाव के कारण फिसलन भरी सड़कें ।
• रात और सुबह के समय ठंड बढ़ सकती है ।
• अधिक यात्रा समय/मुश्किल ड्राइविंग की स्थिति ।
• कहीं-कहीं सड़क यातायात टकराव ।
• कुछ क्षेत्रों में हवाई अड्डों पर न्यूनतम सीमा से कम दृश्यता विमान लैंडिंग/टेक ऑफ को प्रभावित कर सकती है।
पाला पड़ने और घने की स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं-
• पौधों को ठंड के कारण नुकसान से बचाने के लिए लगातार सतह की हल्की सिंचाई करें।
• बारहमासी बागों में अंतर फसल उगायें ।
• खेत के चारों ओर हवा के अवरोध। शेल्टर बेल्ट लगाने से हवा की गति कम हो जाती है, जिससे ठंड के कारण होने वाले नुकसान में कमी होगी ।
• सुबह जल्दी और देर रात के दौरान ड्राइविंग से बचें ।
• अपनी यात्रा के निर्धारण के लिए एयरलाइंस, रेलवे और राज्य परिवहन के संपर्क में रहें ।
• कोहरे में रोशनी का प्रयोग करें ।
• वाहन चलाते या यातायात के समय सावधान रहें ।