हरिद्वार के खूबसूरत पार्क में देशभक्तों की प्रतिमा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र ने युवा IAS अंशुल सिंह के दूरदर्शी विजन को सराहा
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए पार्क में देशभक्तों की तस्वीरे नजर आयेंगी। स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए पार्क में घूमने आने वालों को अपने देश के वीर जवानों की तस्वीरों को देखकर खुद पर गर्व होगा। तथा पार्क की साफ सफाई रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी का भी एहसास होगा।
शनिवार को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने शिव मूर्ति निकट स्थित केबल पुल के समीप बने 23 मार्च पार्क का औचक निरीक्षण किया तथा पार्क की तमाम व्यवस्थाओं को परखने के बाद एचआरडीए के उपाध्यक्ष आईएएस अंशुल सिंह के विजन और दूरदर्शी सोच की प्रशंसा की। इस खूबसूरत पार्क को देखने के बाद डॉ प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस पार्क की खूबसूरती अकल्पनीय है। इसमें देशभक्ति की भावना भी प्रबल होगी। इसी के साथ गंगा के दर्शन भी होंगे। इस पार्क को जल्दी ही जनता के सुपुर्द किया जाएगा।
1 करोड 90 लाख की लागत से तैयार हुआ पार्क
एचआरडीए के उपाध्यक्ष आईएएस अंशुल ने बताया कि करीब एक करोड़ 90 लाख की लागत से इस पार्क का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि पार्क में लोगों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच, पथ प्रकाश, फाउंटेन, चलने के लिए पथ, पुष्प वाटिका लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि 23 मार्च पार्क नाम के तहत देश के लिए प्राणों की आहूति देने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की प्रतिमा भी लगाई गई है। बताया कि करीब 15 बीघा में बने इस पार्क को लोगों के लिए निशुल्क रखा गया है।
शहीदों के नाम पर रखे नाम
डॉ प्रेमचंद्र अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान मुख्य हाइवे पर पार्क के नाम से श्राइन बोर्ड लगाने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा पार्क को शहीदों के नाम से रखे जाने को कहा। उन्होंने कहा कि एचआरडीए द्वारा अक्सर नवाचार किया जाता है। यह पार्क भी एचआरडीए द्वारा बनाया गया है जो बहुत ही आकर्षक है, इसे जल्द ही जनता के सुपुर्द किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान ये रहे मौजूद
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एचआरडीए आईएएस अंशुल सिंह, सचिव उत्तम सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता टीपी नौटियाल, पूर्व महापौर नगर निगम हरिद्वार मनोज गर्ग, ओमकार जैन आदि उपस्थित रहे।