8 दिनों में दूसरी मुठभेड़, फिर हुए 4 जवान शहीद
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्द अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शांति भंग करने के इरादे जारी हैं । जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जम्मू-कश्मीर का माहौल बिगाड़ने की लगातार कोशिश की जा रही है वहीँ पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से पीछे नहीं हट रहा है। बीते दिन सोमवार को जम्मू संभाग में पिछले आठ दिनों में दूसरी बड़ी मुठभेड़ हुई। डोडा मुठभेड़ में तीन जवान और एक अधिकारी बलिदान हुए हैं।
आठ जुलाई को कठुआ मुठभेड़ में भी पांच जवान बलिदान हुए थे। दोनों ही मुठभेड़ में दहशतगर्द हाथ नहीं आए। दोनों ही हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है। आतंकियों की तलाश में जम्मू संभाग के अलग-अलग इलाकों में चल रहे सर्च ऑपरेशन के बीच दहशतगर्द फिर नुकसान पहुंचाने में सफल हो गए हैं। आतंकियों के इस वारदात का बहादुर जवान जल्द ही बदला लेंगे। आठ जुलाई को कठुआ के बदनोटा इलाके में सेना के गश्ती दल पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया था। हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे।
जम्मू संभाग के जिला डोडा के देसा वन क्षेत्र में सोमवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। देर रात तक चली मुठभेड़ में सेना के अधिकारी और जवान घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया । इलाज के दौरान मंगलवार तड़के कैप्टन, सेना के तीन जवान वीर गति को प्राप्त हो गए। गौरतलब है कि हालिया हुए जवानों के बलिदान से देश अभी उबर ही नहीं पाया था कि पांच और बहादुर सैनिकों की जिंदगी छीन ली। आतंकियों की तलाश में डोडा के देसा इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ये इलाका ऊंचे पहांड़ और जंगल से घिरा हुआ है। यहां न तो बेहतर सड़क सुविधा है और न ही फोन नेटवर्क। मौसम भी धुंध से घिरा रहता है। इसी चीज का फायदा उठाकर आतंकी नुकसान पहुंचाने में सफल रहे। जवानों ने शाम करीब 7.45 बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था।रात लगभग 9 बजे आतंकियों से संपर्क स्थापित हुआ, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई।
