कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर यात्री का पहला जत्था भारत पहुंचा
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पांच वर्षों बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः शुभारंभ — पहला दल 11 घंटे में ताकलाकोट से धारचूला पहुँच
कैलाश मानसरोवर यात्रा का पांच वर्षों के बाद पुनः शुभारंभ हो गया है। आज यात्रा का पहला दल कैलाश मानसरोवर यात्रा पूर्ण कर तिब्बत स्थित ताकलाकोट से मात्र 11 घंटे में भारतीय सीमा के धारचूला पहुँचा। इस दल में 45 यात्री एवं 4 अन्य स्टाफ सदस्य शामिल थे।
यात्रा अधिकारी श्री संजय गुंज्याल ने बताया कि इस वर्ष यात्रा व्यवस्था पहले की तुलना में अधिक सुव्यवस्थित और सुविधाजनक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जब उन्होंने यात्री के रूप में यात्रा की थी, तब की तुलना में अब यात्री सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सीमा क्षेत्र में सड़क एवं अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) में काफी सुधार हुआ है, जिससे यात्रा पहले से अधिक तेज़, सुगम एवं सुरक्षित हो गई है।
हालांकि, तिब्बत क्षेत्र में एक-दो स्थानों पर शौचालयों की कमी देखी गई है। इस पर श्री गुंज्याल ने सुझाव दिया कि चीन एवं भारत सरकार को मिलकर आगामी वर्षों में इन स्थलों पर शौचालय निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
महाराष्ट्र से आए एक यात्री ने इस यात्रा को अत्यंत सुखद अनुभव बताया और कहा कि पहली बार यात्रा में शामिल होकर उन्हें अभूतपूर्व संतोष प्राप्त हुआ। यात्रियों ने भारत सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं केएमवीएन की सुविधाओं की सराहना की एवं सब व्यवस्ताओं के लिए आभार व्यक्त किया।
पूरे मार्ग में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) द्वारा यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे यात्रा सफल एवं निर्बाध रूप से सम्पन्न हो सकी।