14 माह में नौ आतंकी हमले, 18 सैन्यकर्मी हुए शहीद
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
आतंकियों का जंगल से जिन्न की तरह भाग निकले। चंद मिनटों में हमला करना और फिर गायब होकर भाग जाना। पिछले एक वर्ष से आतंकी ऐसा लगातार कर रहे हैं। लेकिन एक बार भी इन तक सुरक्षाबल नहीं पहुंच पाए। पुंछ के भाटादूड़ियां में पांच जवानों का बलिदान, राजोरी के कंडी में पांच जवानों पर आईईडी हमला, पुंछ के डेरा गली में पांच जवान हमले में बलिदान, राजोरी के शाहदरा शरीफ में सैन्यकर्मी के भाई की हत्या, उधमपुर के बसंतगढ़ में वीडीजी सदस्य की हत्या, पुंछ के सुरनकोट में वायुसेना पर हमले में एक जवान बलिदान, रियासी, कठुआ के हीरानगर में एक जवान बलिदान और डोडा में पुलिस नाके पर हमला।
10 से 15 मिनट फायरिंग कर फरार हो गए। एक बात यह भी समान है कि हमले के बाद एक बार भी दहशतगर्द पकड़ में नहीं आए हैं। पिछले 14 महीनों में नौ हमले हुए और इसमें 18 सैन्यकर्मी बलिदान हुए। वैष्णो देवी जा रही इस बस पर हमले के बाद दस आम नागरिकों की हत्या हो गई है। लेकिन आतंकी एक भी नहीं मारा गया। इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ सर्च ऑपरेशन तक आकर ही खत्म हो जाती है। तमाम खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का तंत्र आतंकियों तक पहुंचने में लगा हुआ है, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
