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अवैध प्रवेश : पहले ग्रीस और अब दुबई से अमेरिका का रूट…कहा से कहा तक फैला ये जाल ?

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Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi / Deshraj Sharma

गौरतलब है कि भारत से अमेरिका की दूरी करीब 13,500 किलोमीटर है। हवाई यात्रा से वहां जाने में 17 से 20 घंटे लगते हैं। ‘डंकी रूट’ से यही दूरी 15 हजार किमी तक है जिसे तय करने में महीनों का समय लगता है। युवाओं का अमेरिका में अवैध प्रवेश कराने की जड़ें जालंधर में मौजूद हैं, जहां के एजेंटों ने ही पंजाब और हरियाणा के हजारों युवाओं को 50-50 लाख रुपये लेकर अमेरिका पहुंचाया था। बतादें कि अरबों-खरबों रुपये के इस माफिया के कारोबार को जहां राजनीतिक हस्तियों की पूरी तरह से शाह में जारी है। सरकारी और खाकी वालों का भी पूरा पूरा साथ है। यही वजह है कि अवैध मानव तस्करी के कारोबार ने जालंधर से निकलकर हरियाणा तक में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं। वर्ष 2005 से लेकर 2007 तक ऐसा वक्त था, जिसमें जालंधर के एक नामवर एजेंट ने अवैध रूप से अमेरिका पहुंचाने का नया रास्ता ग्रीस खोजा।  पंजाब के युवाओं के धड़ाधड़ वीजा लगवाकर उन्हें शैनेगन देशों में भिजवाया गया। वहां से पनामा व मैक्सिको से निकलते हुए अमेरिका में दाखिल कराया गया। इक्वाडोर, बोलीविया और गुयाना जैसे देश के लिए भारत से वीजा की जरूरत नहीं, जहां भारतीयों को वीजा ‘ऑन अराइवल’ मिल जाता है। ‘डंकी’ को कोलंबिया पहुंचाने का क्रम शुरू किया, फिर मैक्सिको और अमेरिका में पहुंचाया गया। एजेंटों ने मैक्सिको में अपने कार्यालय भी खोले जहां माफिया के साथ मिलकर बार्डर पार कराए।

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