HIT AND RUN CASE हिट एंड रन केस विधेयक पास होने के बाद देश में बबाल: हरिद्वार में चक्का जाम
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने संसद में नया हिट एंड रन विधेयक पास किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हिट एंड रन विधेयक को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब यह भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून बन चुका है। हालांकि, इस नए कानून में जिस तरह नए प्रावधान जोड़े गए हैं, उन प्रावधानों के बाद देशभर में विरोध हो रहा है। इसी के चलते हरिद्वार में भी चक्का जाम की स्थिति है। यहां तक की ट्रांसपोर्ट वाहनों की तमाम यूनियनों ने हड़ताल कर दी है। यहां तक ही पैट्रोल पंप पर तेल तक नही पहुंच रहा है। बताते चले कि हिट एंड रन केस में नए कानून में अगर ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार हो जाता है अथवा हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है। सजा के साथ जुर्माना भी भरने का प्रावधान है। नए कानून में ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई वाले प्रावधान को लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे।
जानिए क्या होता है हिट एंड रन
हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है।
नए कानून में ड्राइवरों पर सख्त कार्रवाई का विरोध
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन कानून में जो नए प्रावधान हैं, उसके मुताबिक अगर गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा होगी। इसके साथ ही भारी जुर्माना भी वसूला जाएगा। इस कड़े प्रावधान का देशभर के ट्रक, ट्रेलर, बस, लोकपरिवहन और टैक्सी ड्राइवर विरोध कर रहे हैं। उत्तर भारत के कई राज्यों में इस नए कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और हाइवे जाम किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इतने सख्त प्रावधान क्यों जोड़े
दुर्घटना के आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। मौतों के इन आंकड़ों को देखते हुए ड्राइवरों पर सख्ती करते हुए नए कानून में सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।
ड्राइवरों के लिए आगे कुआं पीछे खाई
नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवर का कहना है कि अगर दुर्घटना के बाद वे मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी। अगर वे मौके पर ही रुक जाते हैं तो भीड़ उन पर हमला करके पीट पीट कर मार देगी। ड्राइवरों के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई। यह बात सही भी है कि कई बार उग्र भीड़ हिंसक रूप ले लेती है और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।
कांग्रेस ने किया नए कानून का विरोध
पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नए कानून को जन विरोधी और संविधान विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि नया कानून चालकों के मूल अधिकारों का हनन है। राजस्थान सरकार ने तो सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को कम करने के लिए ड्राइवरों के हित में कानूनी प्रावधान किए थे। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को 5 हजार रुपए के इनाम देना शुरू किया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकर ने ऐसे प्रावधान किए थे कि अगर कोई गाड़ी ड्राइवर किसी घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उस गाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।