बिस्किट की ‘खाली कैलोरी’ और चाय का टैनिन—क्यों खराब है यह लोकप्रिय आदत?
हमारे देश में चाय के साथ बिस्किट खाना एक ऐसी आदत है जिसे लगभग हर उम्र के लोग रोज़मर्रा की दिनचर्या में शामिल करते हैं। सुबह की चाय हो या शाम का नाश्ता—बिस्किट को सबसे आसान और तुरंत मिलने वाला विकल्प माना जाता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह संयोजन जितना आम है, उतना ही नुकसानदेह भी है। विशेषज्ञ इसे “सबसे अनहेल्दी स्नैक कंबिनेशन” करार देते हैं, जो शरीर पर कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव छोड़ सकता है।
चाय-बिस्किट देखने में भले ही हल्का और सुविधाजनक लग सकता है, लेकिन बाज़ार में मिलने वाले ज्यादातर बिस्किट रिफाइंड आटे, चीनी, अनहेल्दी फैट और प्रिज़र्वेटिव्स से तैयार किए जाते हैं। ये तत्व चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन के साथ मिलकर पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं और शरीर पर अतिरिक्त चीनी व वसा का दबाव बढ़ाते हैं। रोज़मर्रा में इस आदत को जारी रखने से मोटापा, डायबिटीज़ और पाचन संबंधी दिक्कतों का जोखिम बढ़ जाता है।
बिस्किट: पोषण के नाम पर ‘खाली कैलोरी’
अधिकांश पैकेटबंद बिस्किट मैदा से तैयार किए जाते हैं, जिनमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा नगण्य होती है। ये शरीर को केवल कैलोरी देते हैं, पोषण नहीं। चाय के साथ इन्हें खाने पर पेट तो भरता है, लेकिन शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे भूख का पैटर्न भी गड़बड़ा सकता है।
ट्रांस फैट और दिल की बीमारी का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि कई कंपनियां बिस्किट को कुरकुरा बनाने और उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए हाइड्रोजनीकृत तेल या ट्रांस फैट का इस्तेमाल करती हैं। ट्रांस फैट शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करता है, जिससे दिल से जुड़े रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
रक्त शर्करा में उतार-चढ़ाव और डायबिटीज़ का जोखिम
बिस्किट में मौजूद अधिक चीनी और रिफाइंड कार्ब्स तुरंत ग्लूकोज लेवल बढ़ा देते हैं। चाय के साथ सेवन करने पर ब्लड शुगर तेजी से ऊपर जाता है और फिर अचानक नीचे गिरता है। इस प्रक्रिया से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है, जो आगे चलकर टाइप-2 डायबिटीज़ का कारण बन सकता है।
पाचन, गैस और एसिडिटी की समस्या
चाय में मौजूद टैनिन और बिस्किट का रिफाइंड आटा पाचन प्रक्रिया को धीमा करते हैं। इसके अलावा, चाय की एसिडिटी और बिस्किट का तेल पेट में गैस, सूजन और जलन की समस्या बढ़ा सकता है। नियमित रूप से यह संयोजन पाचन तंत्र पर दबाव डालता है।
नोट: यह जानकारी विभिन्न स्वास्थ्य शोधों और मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार की गई है।

