डीएम ने औचक किया चंपावत जिला अस्पताल का रात्रि में निरीक्षण, मची खलबली
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जिला अस्पताल का रात्रि में निरीक्षण: करने पहुंचे डीएम कहा मरीजों की सुविधा सर्वोपरि
रात्रि निरीक्षण में जिलाधिकारी ने मरीजों से जाना हालचाल, डॉक्टरों से लिए सुधार के सुझाव
जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार ने बुधवार देर रात्रि जिला चिकित्सालय चंपावत का निरीक्षण कर रात्रि में मरीजों को उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं तथा चिकित्सकों और स्टाफ के लिए उपलब्ध संसाधनों की स्थिति का गहनता से अवलोकन किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने आपातकालीन कक्ष, जनरल वार्ड, आईसीयू, पोस्ट ऑपरेशन वार्ड, लेबर रूम, नर्सिंग स्टाफ रूम, डॉक्टर्स रूम, कैंटीन सहित संपूर्ण अस्पताल परिसर का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जैसी महत्वपूर्ण जांच सुविधाओं की भी समीक्षा करते हुए उनकी कार्यशीलता, तकनीकी स्थिति तथा मरीजों को मिलने वाली सेवा की गुणवत्ता की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों से सीधा संवाद कर उपचार की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, स्वच्छता और अन्य मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने रामीचंद सहित अन्य मरीजों से भी हालचाल जाना और उनके परिजनों से भी फीडबैक लिया।
जिलाधिकारी ने व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इनमें नर्सिंग स्टाफ रूम में सीलन एवं क्षतिग्रस्त टाइल्स की मरम्मत, डस्टबिन पर नाम अंकित करने, आईसीयू वार्ड में उपयुक्त पार्टिशन की व्यवस्था, तथा सिस्टर और डॉक्टर कक्षों को व्यवस्थित एवं सुसज्जित करने जैसे निर्देश शामिल हैं। उन्होंने प्रत्येक बेड के पास मरीजों के सामान रखने हेतु रैक लगाए जाने तथा जटिल चिकित्सा मामलों के लिए पृथक वार्ड स्थापित करने के निर्देश भी दिए।
डॉक्टरों द्वारा बताई गई एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही उन्होंने अस्पताल की वेबसाइट/पोर्टल को आधुनिक स्वरूप देने के निर्देश दिए, जिसमें खाली बेड, डॉक्टरों की उपलब्धता, ओपीडी समय, विभागवार सेवाएं इत्यादि की जानकारी आमजन को सरलता से उपलब्ध हो।
सुरक्षा और व्यवस्था के दृष्टिकोण से जिलाधिकारी ने अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, पोस्ट ऑपरेशन वार्ड में शू रैक, परिसर के साइनेज को सुंदर और स्पष्ट रूप देने, लेबर रूम व कैंटीन की सफाई एवं रख-रखाव सुधारने, और परिसर में हाई मास्क लाइट लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने ओपीडी परिसर में टीवी डिस्प्ले लगाए जाने तथा प्रतीक्षारत मरीजों और तीमारदारों के लिए शेड व बैठने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में समस्त विभागों की जानकारी दर्शाने हेतु लेआउट प्लान प्रदर्शित करने पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने चिकित्सकों से यह भी जानकारी ली कि मुख्य रूप से किन कारणों से मरीज अस्पताल पहुंचते हैं और उन्हें किन प्रकार की सेवाएं अपेक्षित होती हैं। साथ ही निर्माणाधीन डायग्नोस्टिक विंग और पार्किंग क्षेत्र की प्रगति की भी जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने रैन बसेरा की स्थिति का अवलोकन करते हुए मरीजों के परिजनों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने और उन्हें बनाए रखने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों की आवासीय सुविधा की स्थिति की भी जानकारी ली।
निरीक्षण के समय मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी. एस. खाती, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेश चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एम. एस. ह्यांकी सहित चिकित्सालय का संपूर्ण चिकित्सकीय एवं प्रशासनिक स्टाफ उपस्थित रहा।
जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को समयबद्ध, समर्पित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जाएं तथा किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।