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धामी सरकार की पहल—ट्रैफिक जंक्शन बने सांस्कृतिक प्रतीक

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छह माह में बदले दून के दो प्रमुख चौराहों का स्वरूप— कुठालगेट–साई मंदिर तिराहा दोगुना चौड़ा
देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की प्रेरणा और जिला प्रशासन की अभिनव कार्यशैली ने दून के प्रमुख चौराहों को एक नई पहचान दी है। प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल, कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी तथा राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कुठालगेट और साई मंदिर तिराहे पर विकसित सौंदर्यीकरण, अतिरिक्त स्लिप रोड व राउंडअबाउट कार्यों का लोकार्पण किया। केवल 6 महीने में दोनों चौराहों का दोगुना चौड़ीकरण कर इन्हें भव्य, सुरक्षित और सांस्कृतिक शोकेस के रूप में विकसित किया गया है

जिला प्रशासन द्वारा आईडिया, डिज़ाइन और क्रियान्वयन स्वयं, जबकि वित्त पोषण स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने किया। कुठालगेट पर 135 लाख और साई मंदिर पर 85 लाख की लागत से कार्य पूर्ण किए गए।

कुठालगेट और साई मंदिर तिराहे पर पारंपरिक गढ़वाली–कुमाऊँनी स्थापत्य शैली में डिजाइन तैयार कर उत्तराखंड आंदोलन, लोक परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर और महान विभूतियों को प्रदर्शित किया गया है। अब ये चौराहे सिर्फ ट्रैफिक जंक्शन नहीं, बल्कि राज्य की विरासत के जीवंत प्रतीक बन चुके हैं।

यातायात सुगमता + जनसुरक्षा + संस्कृति—एक ही जगह
दोनो चौराहों पर— 10-10 मीटर चौड़ी एडिशनल स्लिप रोड, आधुनिक राउंडअबाउट सिस्टम, उन्नत लाइटिंग, पहाड़ी शैली के सौंदर्यात्मक इंस्टॉलेशन किया गया। इनसे यातायात सुगम हुआ है, दुर्घटना जोखिम कम हुआ है और शहर को मिली नई साज-सज्जा ने पर्यटक-अनुकूल माहौल तैयार किया है।

प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल बोले—“भव्य दून की नई तस्वीर”
उन्होंने कहा कि इन चौराहों का रूपांतरण केवल सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि राज्य निर्माण संघर्ष और लोक संस्कृति के सम्मान का संदेश है।
दून आने वाला हर पर्यटक अब यहां की पहचान, संस्कृति और विरासत को पहले ही मोड़ पर महसूस कर सकेगा।

मंत्री गणेश जोशी—“यह परियोजना विकास + सांस्कृतिक गर्व दोनों“
मंत्री जोशी ने कहा कि कुठालगेट और साई मंदिर जंक्शन का नया स्वरूप उत्तराखंड की पारंपरिक वास्तुकला और सांस्कृतिक गौरव को प्रमुखता देता है। यह शहर की आवाजाही को सुगम और पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाला महत्वपूर्ण कदम है।
जिलाधिकारी सविन बंसल—“दून को मिला नया सांस्कृतिक प्रवेशद्वार”
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि प्रथम चरण में चार प्रमुख चौराहों को चौड़ीकरण और राउंडअबाउट के साथ विकसित किया जा रहा है।
कुठालगेट और साई मंदिर तिराहों पर—
10 मीटर अतिरिक्त मोटरेबल स्लिप रोड, पहाड़ी पारंपरिक शैली में डिज़ाइन, राज्य आंदोलनकारियों और महान विभूतियों की मूर्तियां, इनसे ये चौराहे ट्रैफिक मैनेजमेंट + सांस्कृतिक प्रदर्शन का अनूठा संगम बन गए हैं।
दिलाराम चौक का हाई-टेक आधुनिकीकरण कार्य भी अंतिम चरण में है।

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