स्वर्णिम भारत के निर्माण में आध्यात्मिकता का योगदान
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman
आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा जगजीतपुर स्थित अनुभूति धाम में स्वर्णिम भारत के निर्माण में आध्यात्मिकता के योगदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी में समाज से विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। कुमारी आराध्या ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।
जनमानस को संबोधित करते हुए बीके शारदा दीदी, राष्ट्रीय संयोजिका महिला प्रभाग ने कहा कि शास्त्र कहता है ‘धारयति इति धर्म:’ अर्थात श्रेष्ठ गुणों को जो धारण करता है, वही सही मायने में धर्म का पालन करता है. स्वर्णिम भारत बनाने में व्यक्ति गत भूमिका यही होगी कि हम अपने अंदर श्रेष्ठ गुणों को धारण करें, व्यक्ति से ही समाज बनता है और समाज से ही देश। व्यक्ति के अंदर की सोच बदलने से ही समाज बदलेगा।
ब्रह्मकुमारी मीना दीदी ने सभी का पुष्प गुछ देकर स्वागत अभिनंदन किया।
अवधूत मंडल आश्रम से स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, भारत विश्व गुरु था और हमेशा से दुनिया को आध्यात्मिकता का संदेश देने वाला गुरु ही रहेगा। स्वामी सोमेश्वरानंद ने आचरण सही करने पर बल दिया और सभी से 9 बिंदुओं पर चलने का आग्रह किया जिसमें सत्य, ब्रह्मचर्य असतेय आदि गुण समाहित हों। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर मनु शिवपुरी ने कहा की आप सब अपनेआप में एक शक्तिपुंज है और इसी आध्यात्मिक शक्ति को हमें जन-जन तक लेकर जाना है। अध्यात्म ही भारत की रीढ़ है। उन्होंने आगे कहा कि अगर एक भी भ्रूण हत्या होती है तो उसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं, हमें अपने आसपास भी ध्यान देना होगा और दैवी गुणों को अपने अंदर धारण करना होगा।
ब्रह्माकुमार सुशील भाई ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने सभी का धन्यवाद किया। इस गोष्ठी में हरिद्वार के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे, जिनमें प्रसिद्ध समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा, महंत श्री आराधना गिरी,
स्वामी हरदेव (अध्यक्ष रनकेश्वर धाम) आदि मौजूद रहे।