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रामलला के दर्शन के बाद पीएम करेंगे ध्वजारोहण, सात हजार अतिथि बनेंगे साक्षी

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अयोध्या। अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक आध्यात्मिक उत्सव का केंद्र बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राम मंदिर के शिखर पर स्वर्णमय भगवा ध्वज फहराकर मंदिर निर्माण की पूर्णता का औपचारिक संदेश देंगे। निर्धारित शुभ मुहूर्त 11:58 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा, जो भगवान श्रीराम के जन्म नक्षत्र अभिजीत के विशेष योग से मेल खाता है। पूरे शहर में आध्यात्मिक माहौल, सुरक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक रंगों का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।

ध्वजारोहण समारोह के लिए 21 नवंबर से चल रहे हैं वैदिक अनुष्ठान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के गर्भगृह और राम दरबार में दर्शन–पूजन कर अपने आधिकारिक कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इसके बाद वह सप्तऋषि मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में प्रार्थना कर मुख्य ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे।

चार से पांच मिनट तक चलने वाले ध्वजारोहण अनुष्ठान में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री इलेक्ट्रॉनिक तंत्र से ध्वज फहराएंगे। समारोह में लगभग सात हजार आमंत्रित उपस्थित रहेंगे, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विभिन्न धर्माचार्य, सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधि, किन्नर समुदाय, दलित समाज और व्यापार जगत के प्रमुख लोग शामिल होंगे।

इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भव्य मंगल–स्वस्ति गान की विशेष प्रस्तुति तैयार की है। देशभर के विख्यात कलाकार श्रीरामचरितमानस के चयनित प्रसंगों और विविध संत–परंपराओं के मंगलमय काव्यों का सामूहिक गायन करेंगे, जिससे पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर होगा।

राम मंदिर में प्रवेश और ध्वजारोहण कार्यक्रम

राम मंदिर के निर्माण प्रभारी गोपाल राव के अनुसार, प्रधानमंत्री और संघ प्रमुख सुबह 10 बजे मंदिर परिसर पहुंचेंगे। यहां वह क्रमशः सप्तऋषि मंदिर, शेषावतार मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, रामलला और राम दरबार के दर्शन करेंगे। दर्शन और परिसर भ्रमण के बाद वह ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे, जो शुभ मुहूर्त—11:58 बजे से 1 बजे—के बीच सम्पन्न होगा। समारोह के बाद प्रधानमंत्री का सार्वजनिक संबोधन भी प्रस्तावित है। दोपहर 1:30 बजे वह पुनः एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे।

स्वर्णमय ध्वज दंड बना आकर्षण

ध्वजारोहण के लिए तैयार किए गए 161 फीट ऊंचे ध्वज दंड पर लगभग 21 किलो सोना मढ़ा गया है, जिसे मुंबई से आए कारीगरों ने तैयार किया है। यह वही स्थल है, जहाँ 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हुआ था। नाभि दंड की कुल ऊंचाई भूमि तल से 211 फीट है, जिसमें ऊपर का हिस्सा स्वर्ण पत्र से सजाया गया है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से से इस ध्वज दंड का स्वर्णमय स्वरूप स्पष्ट दिख रहा है।

चिकित्सा प्रबंधन पूरी तरह तैयार

प्रधानमंत्री और आरएसएस प्रमुख के काफिलों के साथ तीन–तीन एंबुलेंस और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैनात की गई है। श्रीराम अस्पताल में 40 बेड का विशेष वार्ड, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में 60 बेड आरक्षित किए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में बनाए गए सेफ हाउस में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम चौबीसों घंटे उपलब्ध है।

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