आईपीएल में ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले नौ आरोपी दबोचे
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
देहरादून पुलिस ने आईपीएल में सट्टा लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी दून के एक फ्लैट में रहकर लोगों को ऑनलाइन सट्टा खिलवाते थे। पूरा गिरोह दुबई से चलाया जा रहा था। पुलिस ने फ्लैट में छापा मारकर मौके से ऑनलाइन सट्टे का सामान भी बरामद किया है। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को सीज कर सट्टे में लगाए गए लौ लाख रुपये से अधिक राशि को फ्रीज करवा दिया है। पिछले एक माह में आरोपियों के खातों से 20 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन हुई है। एसएसपी ने पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। एसएसपी अजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर आईपीएल में सट्टा लगाने वाले गिरोह का खुलासा किया। बताया कि राजपुर के ब्राह्मणवाला गांव में पुरुकुल रोड स्थित एक फ्लैट में आईपीएल मैचों में ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह की सूचना मिली। इस पर सीओ मसूरी के नेतृत्व में राजपुर पुलिस ने दबिश दी। पुलिस ने मौके से मुख्य आरोपी सिराज मेमन निवासी सिविल लाइन जिला दुर्ग छत्तीसगढ़, सौरभ निवासी जिला चिलवाड़ा, विवेक अधिकारी निवासी थाना एक्सल छत्तीसगढ़, लोकेश गुप्ता निवासी पीपल चौराहा मध्य प्रदेश, सोनू कुमार निवासी मिंह कॉलेज औरंगाबाद बिहार, मोनू निवासी अंबिकापुर थाना माली जिला सरगुआ छत्तीसगढ़, विकास कुमार निवासी मुजफ्फरपुर बिहार, शिवम निवासी थाना टिकरापारा रायपुर छत्तीसगढ़, शत्रुघ्न निवासी जीवन नाथ थाना सरैया जिला मुजफ्फरपुर बिहार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके कब्जे से सट्टा लगाने में इस्तेमाल किए जा रहे आठ लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन, 5 एक्सटेंशन बोर्ड, दो एटीएम, एक डेबिट कार्ड, 10 मोबाइल चार्जर, एक माउस, दो कॉपी, दो जीओ बोर्ड बरामद किए हैं। आईपीएल में ऑनलाइन सट्टे का पूरा नेटवर्क दुबई से चलाया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक दुबई से शुभम नाम का व्यक्ति गिरोह चलाता है। देहरादून में सट्टे का काम सिराज मेनन देखता था। आरोपी मोबाइल फोन के जरिये ऑनलाइन सट्टे की साइट, लेजर, टाइगर तथा ऑल पैनल पर जाकर ऑनलाइन सट्टा खिलवाते थे। लोगों से रुपये लेकर बुकी का काम करते थे। सट्टे की साइट की आईडी और लिंक आरोपियों को शुभम, निवासी छत्तीसगढ़ मोबाइल फोन के जरिए दिलाता था। पैसे लेकर सट्टे के ऑनलाइन प्वाइंट दिलाता था। जिन्हें आरोपी आगे लोगों को ऑनलाइन बेचकर उनसे पैसे लेकर सट्टा खिलाते थे। सट्टे के पैसे गूगल पे के माध्यम से लिए जाते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी ऑनलाइन सट्टा खेलने वाले ग्राहकों को एक लिंक भेजते हैं। इस पर क्लिक करते ही उन्हें एक नंबर मिल जाता है। इसके बाद उस नंबर को व्हाट्सएप से लिंक कर ग्राहक से संपर्क कर उसका व्हाट्सएप डाटाबेस तैयार करते हैं। इसके बाद सट्टा खिलाने के लिए तीनों ग्लोबल साइट का लिंक भेजा जाता है। ग्राहक जो भी साइट चयनित करता है उसे व्हाट्सएप के जरिए डिपॉजिट स्लिप देते हैं। इसमें बैंक की डिटेल दी जाती है और बैंक खातों में ही पैसों का लेनदेन होता है। पेमेंट देने के बाद ग्राहक की आईडी बनाई जाती हैं और पासवर्ड भी दिया जाता है। इसके बाद ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता है।
