समाप्त हुआ पीएम मोदी का संबोधन, उपस्थित सभी शंकराचार्यों से मिलने पहुंचे पीएम
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman
अयोध्या : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद संबोधन में कहा कि की त्रेता युग में राम वियोग 14 वर्षों का था लेकिन इस युग में कई पीडियों ने वियोग सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है . कई सालों तक भगवान् के अस्तित्व को लेकर लड़ाई चली लेकिन न्याय की लाज रखी गई। मंदिर न्याय वद्ध तरीके से बना है। आज देश दीपावली मना रहा है। आज शाम को घर में दिए जलेंगे। शुभ दिशा में काल चक्र बदलेगा। पीएम ने कहा कि 11 दिनों में मैंने उन जगहों का चरण स्पर्श किया है जहां भगवान् राम के चरण पड़े थे।
पीएम ने कहा की रामेश्वरम में रामेश्वरम मंदिर के अलावा मुझे सागर से सरयू तक मुझे राम नाम का उत्सव देखने को मिला। प्रभु श्री राम भारत वासियों के अंतर्मन में विराजे हैं। ये राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बह रहा है। राम के आदर्श ,शिक्षा सब जगह एक समान है। पीएम ने कारसेवकों को याद करते हुए कहा कि हम उनके रीड़ी हैं। ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं विनय का भी है।
पीएम ने कहा कि हमारा भविष्य अतीत से बहुत सुन्दर होगा। जो लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लगेगी लेकिन वो लोग धैर्य की ताकत को नहीं जानते थे। पीएम ने कहा कि जिन्हें राम मंदिर बनना असंभव लगता था वो आइये और इस सच्चाई को महसूस करिये की राम आग नहीं हैं बल्कि सत्य है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वासुदेव कुटुंबकम की प्रतिष्ठा है। मंदिर सिर्फ देव मंदिर नहीं है बल्कि भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है , राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है।
पीएम ने कहा अब सदियों का इंतज़ार ख़त्म हुआ अब आगे क्या है ? जो दैवीय शक्तियां हमें देख रहीं है क्या उन्हें ऐसे ही विदा करेंगे नहीं ऐसे नहीं – मैं महसूस कर रहा हूँ कि काल चक्र बदल रहा है। हमारी पीढ़ी को काल चक्र परिवर्तन के रूप में चुना गया है। इसलिए कहता हूँ यही समय है जिसमें आज से इस पवित्र समय से आगे के एक हज़ार साल की नीव रखनी होगी। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सक्षम भव्य ,दिव्या भारत के निर्माण की सौगंध लेनी है।
भगवान् राम के साथ पीएम ने शबरी को भी याद किया और कहा कि शबरी तो कबसे कहती थीं कि ‘राम आएंगे’ . पीएम ने कहा कि समर्थ ,सक्षम और भव्य और दिव्या भारत का आधार बनेगा। देव से देश और राम से राष्ट्र का निर्माण। गिलहरी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि गिलहरी का योगदान याद करिए जो हमें बताएंगा छोटा सा योगदान भी हमें प्रोत्साहित करता है। जटायु ने योगदान को भी पीएम ने याद किया। आइये हम संकल्प लें कि राष्ट्र निर्माण में हम अपने जीवन का पल पल लगा देंगे। पीएम ने ‘सिया वर राम चंद्र की जय ‘के साथ सम्बोधन समाप्त किया।