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अब CBI करेगी पूरे सोसायटी घोटाले की गहन जांच

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श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ पर भी शिकंजा

देहरादून। जनता से करोड़ों रुपये हड़पने वाली लोनी अर्बन मल्टी क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (एलयूसीसी) के खिलाफ अब कार्रवाई की बड़ी शुरुआत हो गई है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद सीबीआई ने सोसायटी और उसके 46 सहयोगियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एफआईआर में कंपनी के ब्रांड एंबेसडर अभिनेता श्रेयस तलपड़े और अभिनेता आलोक नाथ के नाम भी शामिल किए गए हैं।

इससे पहले राज्य पुलिस इस घोटाले में 18 मामले दर्ज कर चुकी थी, जिनमें से 10 मामलों में चार्जशीट विशेष बड्स एक्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है। हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने कोटद्वार कोतवाली में दर्ज पहली प्राथमिकी को आधार बनाते हुए यह बड़ा कदम उठाया है।

2019 में शुरू हुआ था जाल, लोगों की बचत पर ‘उच्च मुनाफे’ का लालच

एलयूसीसी ने वर्ष 2019 में उत्तराखंड में कई जिलों में तेजी से शाखाएँ खोलते हुए आम लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न का प्रलोभन दिया। कंपनी ने छोटी-छोटी बचत से लेकर भारी निवेश तक सब कुछ एजेंटों के माध्यम से इकट्ठा किया। करोड़ों रुपये जुटाने के बाद अचानक कंपनी के दफ्तर बंद हो गए, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। कंपनी से जुड़े कई एजेंट भी खुद को अनजान बताते मिले।

पहली शिकायत कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी की ओर से एक जून को दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पूरे प्रदेश से लगातार शिकायतें सामने आईं और पुलिस ने कुल 18 एफआईआर दर्ज कीं। मामले की जांच सीबीसीआईडी को भी सौंपी गई थी।

महिलाओं का बड़ा विरोध, सीएम आवास कूच तक—अब सीबीआई करेगी पूरी जांच

इस घोटाले ने प्रदेशभर में खासकर महिलाओं को भारी नुकसान पहुंचाया। कई जिलों में प्रदर्शन हुए और देहरादून में प्रभावित महिलाओं ने मुख्यमंत्री आवास तक कूच किया। पुलिस और सीबीसीआईडी कुल 10 मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई अब इस पूरे घोटाले की गहन जांच करेगी।

सीबीआई ने दर्ज की गई एफआईआर में अन्य सभी मामलों के तथ्यों और नामजद आरोपियों को भी शामिल किया है।

राज्य में थीं 35 शाखाएँ, विदेशों में निवेश का भी लालच दिया गया

एलयूसीसी ने उत्तराखंड में कुल 35 शाखाएँ संचालित की थीं। निवेशकों को देश-विदेश में सोना, तेल, रिफाइनरी सहित कई क्षेत्रों में भारी मुनाफे का दावा कर पैसे जमा कराए गए। कई मामलों में निवेश की अवधि पूरी होने के बाद भी लोगों को पैसा वापस नहीं मिला। पहले भी पुलिस इस घोटाले में कई गिरफ्तारियाँ कर चुकी है।

चार सांसदों ने अमित शाह से की थी मुलाकात, सीबीआई जांच को मिली थी मंजूरी

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के चार सांसद—त्रिवेंद्र सिंह रावत, अनिल बलूनी, अजय भट्ट और माला राज्यलक्ष्मी शाह—ने 24 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। इससे पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में सीबीआई जांच की अनुमति दे चुके थे।

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