कन्या गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार द्वारा दिवाली मेले का आयोजन
कन्या गुरुकुल हरिद्वार के सौजन्य से दिवाली मेले का आयोजन।”
हरिद्वार! दिवाली मेले का आयोजन पारंपरिक त्योहारों और उत्सवों के उत्साह को दर्शाता है। ये मेले अक्सर छात्रों को रचनात्मकता, सांस्कृतिक विरासत और सामुदायिक भावना का अनुभव कराने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
कन्या गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार द्वारा दिवाली मेले का आयोजन गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के आडिटोरियम में बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केबिनेट मंत्री एवं वर्तमान विधायक मदन कौशिक और हरिद्वार मेयर किरण जेसल जी मौजूद रही। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि मदन कौशिक और किरण जेसल ने वहां पर उपस्थित सभी दर्शकों एवं सभी जन वाशियो को दीपावली की शुभकामनाएं दी और कहा कि झूठ कितना भी बड़ा क्यों न हो लेकिन उसे सच के सामने हारना ही पड़ता है।
दिवाली मेले के इस शुभ अवसर पर बच्चों द्वारा दर्शाई गई नृत्य और गायन की प्रस्तुतियां ने वहां पर उपस्थिति सभी दर्शकों का मन मोह लिया गया। इस तरह के छात्र छात्राओं द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य और गीत भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

मेले में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं और खेल आयोजित किए गए जो छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और उत्साह को बढ़ावा देते है।
दिवाली मेले के इस शुभ अवसर बच्चों द्वार तैयार की गई सुंदर रंगोलियां भी देखने को मिली। इसी के साथ साथ बच्चों द्वारा तैयार किया गया हैंड मेड से तैयार किया हुआ सुंदर सामान भी देखने को मिला। इस मेले में कई तरह के बुक मार्क, यम्मी फूड, मेहंदी स्टाल और गेम्स भी देखने को मिले जो दिवाली मेले की शोभा को बढ़ा रहे थे।

इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों को दिवाली के सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व को समझने में मदद करता है, जिसमें पटाखे न जलाकर पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित उत्सव मनाने पर भी जोर दिया जाता है। इस तरह के त्योहार बच्चों को पारंपरिक तरीकों को समझने का अवसर देता है, जैसे कि देवी-देवताओं की पूजा और एक-दूसरे को उपहार देना। इन आयोजनों में शिक्षक, छात्र और अभिभावक सभी शामिल होते हैं, जो एक मजबूत सामुदायिक बंधन बनाते हैं।



दिवाली मेले का यह भव्य कार्यक्रम साइकोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से एच.ओ.डी डॉक्टर सुनीता रानी और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रिचा सक्सेना के नेतृत्व में शैली, शिवांगी, झंकार, सुहानी, सलोनी, समीक्षा, नैना, मनिका, तनिष्का, प्रिया, आस्था, मेघा, इतिका, रिचा और तानिया सहित कई छात्राओं द्वारा सम्पन्न कराया गया है।

