उत्तरकाशी में कुदरत का कहर, लगातार मलबा आने से यमुना नदी में झील का जलस्तर बढ़ा
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi
स्यानाचट्टी के घरों और होटलों में घुसा पानी, लोगों में दहशत
उत्तरकाशी जनपद में एक बार फिर कुदरत ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। पहले धराली और अब स्यानाचट्टी क्षेत्र भारी मलबे और पत्थरों से प्रभावित हो रहा है। कुपड़ा खड्ड से लगातार मलबा और बोल्डर बहकर आने से यमुना नदी में बनी झील का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। इसके चलते स्यानाचट्टी के कई घरों और होटलों में पानी घुस गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने स्यानाचट्टी, कुथनौर और खरादी क्षेत्र के सभी भवनों व होटलों को खाली करवा दिया। अब तक करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। वहीं, खतरे की आशंका के कारण कई ग्रामीण अपने मूल गांवों – स्यालना, पुजारगांव, पाली और भंसाड़ी लौट गए हैं।
हालांकि दिन में मौसम साफ होने से कुछ राहत मिली और जलस्तर घटा, लेकिन देर शाम दोबारा भारी मलबा आने से संकट और बढ़ गया। तेज धूप में भी कुपड़ा खड्ड से लगातार मलबा और पत्थर आ रहे हैं, जिसके चलते नदी का प्रवाह रुक-रुककर प्रभावित हो रहा है।
यमुनोत्री हाईवे पर बना पुल भी झील के बढ़ते जलस्तर से आधा डूब चुका है, जिससे राहत एवं बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सिंचाई विभाग की तीन पोकलेन मशीनें नदी का प्रवाह सामान्य करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन बार-बार मलबा आने से काम अधर में लटका है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि हर बार बारिश में स्यानाचट्टी और आसपास के लोगों को इस भय से जूझना न पड़े। वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर डटी हुई हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।