नहीं रहे डा. महावीर अग्रवाल, शिक्षा जगत में शोक की लहर
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi / Deshraj Sharma
संस्कृत के विद्वान व पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा महावीर अग्रवाल का निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। डा अग्रवाल का बेंगलुरु में उपचार चल रहा था। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। डा अग्रवाल पतंजलि से पूर्व गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से भी संबद्ध रहे। डा अग्रवाल ने कई पुस्तकें लिखीं व कई पुस्तकों का संपादन भी किया। उनके परिवार में दो बेटे व पत्नी हैं। अंतिम समय में वह अपने बड़े बेटे के साथ बेंगलुरु में थे। उनके निधन का समाचार मिलते ही शिक्षा जगत से जुड़े लोगों व उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।
इस सूचना के मिलते ही शिक्षा जगत व आर्य जगत के विभिन्न विद्वानों ने प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन को शिक्षा जगत व आर्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के व कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन को विश्वविद्यालय के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए उनके द्वारा शिक्षा जगत व आर्य जगत में किए गए कार्यों को अविस्मरणीय व बहुमूल्य बताते हुए ईश्वर से उनके परिजनों के इस कष्ट को सहन करने की प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि प्रो. महावीर अग्रवाल शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए हमेशा याद किए जायेंगे। विदित हो कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बहुमूल्य योगदान के लिए प्रो. महावीर अग्रवाल को राष्ट्रपति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया। वहीं वह विभिन्न विश्वविद्यालयों की समितियों के सदस्य भी रहे।
