आखिरी अमृत स्नान पर दिखा सनातन का अद्भुत दृश्य, आज से काशी रवाना
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandi / Deshraj Sharma
वसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्नान के दौरान संगम तीरे सनातन धर्म का विराट स्वरुप देखने को मिला । सनातन परंपरा के सभी 13 अखाड़ों ने राजसी ठाठ-बाट के साथ अमृत स्नान का आनंद लिया। संगम नगरी महादेव और सियाराम के जयकारों से गूंजती रही। हजारों की संख्या में नागा संन्यासी त्रिशूल, गदा और तलवार लहराते हुए स्नान के लिए पहुंचे। आखिरी अमृत स्नान के साथ अखाड़ों का प्रयाग प्रवास सोमवार को पूर्ण हो गया।शैव अखाड़े के संन्यासी अगले चरण में काशी प्रवास के लिए यहां से रवाना होने लगे हैं। वहीं, अनि और उदासीन अखाड़े के संत अन्य धार्मिक संस्कार पूर्ण करके अपने-अपने स्थान को लौटेंगे। विधि-विधान से छावनी में ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की गई। हजारों नागा संन्यासियों ने शस्त्र प्रदर्शन किया। अखाड़े के दिव्य भाल सूर्य प्रकाश और भैरव प्रकाश को नागा संन्यासियों ने कंधों पर थामा। आचार्य महामंडलेश्वर के पीछे नागा संन्यासी तलवार, गदा और त्रिशूल लहराते हुए बढ़े। श्री निरंजनी अखाड़ा व आनंद अखाड़ा भी पुलिस की सुरक्षा के बीच तय समय पर छावनी से निकले। अखाड़े की अगुवाई निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि और आनंद पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि ने की। महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, महामंडलेश्वर निरंजन ज्योति, श्री महंत शंकरानंद सरस्वती समेत सौ से अधिक महामंडलेश्वरों और श्री महंतों ने हजारों शिष्यों के साथ स्नान किया। स्वामी अवधेशानंद ने षोडशोपचार पूजन किया। स्नान के पश्चात नागा संन्यासियों ने शरीर पर भस्म रमाई। पूरे रास्ते फूलों की बारिश होती रही।