राज्यपाल गुरमीत सिंह ने 1971 युद्ध के विजय दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को विजय दिवस के अवसर पर शौर्य स्थल, देहरादून में मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विजय दिवस, भारतीय सेना के सशस्त्र बलों के साहस, वीरता, शौर्य तथा पराक्रम का अद्वितीय उदाहरण है।
राज्यपाल ने कहा कि 16 दिसंबर, 1971 का दिन भारत के इतिहास में वह गौरवशाली क्षण था जब हमारे वीर सैनिकों ने अपने शौर्य, पराक्रम और बलिदान से एक नई गाथा लिखी थी। मात्र 13 दिनों में इस विजय अभियान को अंजाम देकर हमारे वीर योद्धाओं ने अपने पराक्रम का लोहा मनवाया और दुश्मनों के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण पर मजबूर कर पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित किया। उन्होंने कहा कि हमारे वीर योद्धाओं का शौर्य और पराक्रम देशवासियों को हजारों साल तक प्रेरित करता रहेगा।

राज्यपाल ने कहा कि इस विजय के दौरान देश के सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित की गई असाधारण वीरता को देश कृतज्ञता के साथ याद करता है, उनके अद्वितीय साहस एवं बलिदान की कहानियां प्रत्येक देशवासी को जानना जरूरी है। राज्यपाल ने शौर्य स्थल पर मौजूद सैन्य अधिकारियों और पूर्व सैनिकों से मुलाकात की और उन्हें विजय दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर जीओसी सब एरिया मेजर जनरल आर. प्रेम राज सहित पूर्व सैनिक, देहरादून स्टेशन के सेवारत अधिकारी, जेसीओ और अन्य रैंक के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
