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6185 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की होगी भर्ती, महिलाएं हो जाए तैयार

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Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने प्रदेश भर में रिक्त पदों पर 374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 6,185 सहायिकाओं की नियुक्ति करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश गुरुवार को डब्ल्यूईसीडी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दिए।

आर्य ने बताया कि लगभग सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का उन्नयन किया गया है, जिसके कारण कई सहायिकाओं के पद रिक्त हो गए हैं, क्योंकि कई सहायिकाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गई हैं। वर्तमान में सभी जिलों में कुल 6,185 सहायिकाओं के पद और 374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में आंगनबाड़ी भर्ती नियमों में संशोधन किया गया है और इन पदों पर भर्ती के लिए शासनादेश जारी किया गया है। इस संबंध में विभाग को अगले एक-दो दिन में अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और महिला उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए लगभग 30 दिन का समय दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।


इसके अतिरिक्त, आर्या ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को नए मानकों को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें पाइप्ड पानी, पेयजल, बिजली और शौचालय की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने सभी 13 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पांच दिनों के भीतर सभी केंद्रों में ये सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। आर्या ने नंदा गौरा योजना के तहत अब तक प्राप्त आवेदनों की भी समीक्षा की, सभी जिलों को 31 दिसंबर तक अधिकतम आवेदन प्राप्त करने और पिछले वर्ष की तुलना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को उन सभी आवेदकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने का काम सौंपा है, जिनके आवेदन कमियों के कारण वापस कर दिए गए थे और यह सुनिश्चित किया गया कि उन आवेदनों को तुरंत फिर से प्रस्तुत किया जाए।

आर्य ने परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई महिला सारथी परियोजना पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी पहल का पायलट चरण जल्द ही देहरादून जिले में शुरू होगा। इस परियोजना में उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो आर्थिक रूप से वंचित हैं, विधवा हैं या जिन्हें छोड़ दिया गया है।


वाहन महिला चालकों के लिए डिज़ाइन किए गए विभिन्न सुरक्षा सुविधाओं से लैस होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित जीपीएस ट्रैकिंग लागू की जाएगी कि किसी भी सुरक्षा संबंधी घटना के मामले में महिला चालक या यात्री तत्काल सहायता प्राप्त कर सकें। इस पहल में पुलिस और परिवहन विभाग दोनों शामिल होंगे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इस परियोजना के हिस्से के रूप में महिलाओं को पहले ही देहरादून में ड्राइविंग प्रशिक्षण मिल चुका है।

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