Search for:
  • Home/
  • Disaster Management/
  • देवभूमि इंस्टिट्यूट में फंसे 200 छात्रों का रेस्क्यू, SDRF ने चलाया अभियान

देवभूमि इंस्टिट्यूट में फंसे 200 छात्रों का रेस्क्यू, SDRF ने चलाया अभियान

Listen to this article

सहस्त्रधारा, टपकेश्वर क्षेत्र में मचा हाहाकार, 4 लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। अचानक आई इस भीषण आपदा के चलते तमसा, कारलीगाड़ और सहस्त्रधारा नदियों में जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे तपोवन, आईटी पार्क, घंगौरा और घड़ी कैंट जैसे क्षेत्रों में जलभराव हो गया। अतिवृष्टि की यह घटना सोमवार देर रात करीब 11.30 बजे हुई। बाढ़ के चलते 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

This image has an empty alt attribute; its file name is Tapkeshewar-temple.png

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुछ ही मिनटों में सड़कों पर पानी का सैलाब उमड़ पड़ा। कई जगह मकानों की नींव तक पानी पहुंच गया है।

🛕 टपकेश्वर महादेव मंदिर में बाढ़ का पानी घुसा, कई मूर्तियां बह गईं

इस आपदा का सबसे ज्यादा असर टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में देखने को मिला। बाढ़ का पानी मंदिर की सीढ़ियों तक आ गया और कई प्राचीन मूर्तियां बह गईं।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे अचानक बाढ़ का पानी तेज बहाव के साथ मंदिर परिसर में घुस आया। हालांकि गर्भगृह को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मंदिर का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया।

🚨 रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी SDRF-NDRF टीमें, सीएम धामी मौके पर पहुंचे

घटना की सूचना मिलते ही SDRF, NDRF और जिला प्रशासन की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गईं। अब तक 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं जबकि 5 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं केसरवाला, मालदेवता, टपकेश्वर और सहस्त्रधारा क्षेत्र का हवाई व स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को हालात की जानकारी दी है। सीएम ने राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।

🌉 ऋषिनगर पुल टूटा, मकान नदी में समाए — विद्युत आपूर्ति ठप

सहस्त्रधारा रोड को डीएल रोड से जोड़ने वाला ऋषिनगर पुल भीषण बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
रिस्पना नदी के तेज बहाव ने एक मकान को पूरी तरह नदी में समा दिया। पुल के पास की दुकानों, दोपहिया वाहनों और गैस सिलेंडरों तक को पानी बहा ले गया।

बाढ़ के पानी के साथ एक बिजली ट्रांसफार्मर भी गिर गया, जिससे पूरे इलाके में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।

डोईवाला, प्रेमनगर, माजरी ग्रांट, सोंग और सुसवा नदी किनारे बसे क्षेत्रों में भी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।

🏫 देवभूमि इंस्टिट्यूट में फंसे 200 छात्र-छात्राओं का रेस्क्यू

देहरादून के पौंधा स्थित देवभूमि इंस्टिट्यूट परिसर में जलभराव हो गया, जिसमें करीब 200 छात्र-छात्राएं फंस गए।
SDRF टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य चलाया और सभी छात्रों को सुरक्षित स्थान पर निकाला।

टीम के मुताबिक, यह रेस्क्यू बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा था। सभी छात्रों को भोजन और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है।

विकासनगर में हादसा: पहाड़ी से गिरे पत्थर, एक युवक की मौत

विकासनगर के कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर भूस्खलन क्षेत्र जजरेड के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर एक स्कूटर सवार की मौत हो गई। मृतक अपने साथी के साथ कालसी से साहिया की ओर जा रहा था। दूसरा युवक घायल है, जिसका नाम विनय बताया जा रहा है।

⚠️ टपकेश्वर के पास चार लोगों के बहने की आशंका

देहरादून के टपकेश्वर क्षेत्र के भगत सिंह कॉलोनी के शिखर फॉल में चार लोगों के बहने की सूचना भी सामने आई है।
SDRF और पुलिस टीमें मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

🌧️ पिथौरागढ़ में 25 रास्ते बंद, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद

पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं।
टनकपुर-तवाघाट हाईवे बंद हो गया है, जिससे चीन सीमा का संपर्क कट गया है।

अब तक 25 सड़कें बंद हैं जिनमें से केवल 4 को खोला जा सका है, शेष 21 पर यातायात पूरी तरह ठप है।
थल क्षेत्र में 190 मिमी और डीडीहाट में 100 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

⚡ मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया

मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, चमोली, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश और तेज आंधी-तूफान का रेड अलर्ट जारी किया है।
मसूरी, ऋषिकेश, लैंसडाउन और बदरीनाथ जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

⚠️ हिमाचल और महाराष्ट्र में भी बाढ़ जैसे हालात

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन की वजह से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई है। मंडी बस स्टैंड में कई बसें मलबे में फंस गईं हैं और 493 सड़कों पर यातायात ठप है।

महाराष्ट्र के बीड जिले में भी बाढ़ जैसे हालात हैं, जहां वायुसेना ने 11 ग्रामीणों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required