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देहरादून में जल्द फर्राटा भरती नजर आएगी पॉड कार

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Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman


देहरादून में जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रालय में मेट्रो नियो चलाने का प्रस्ताव लटकने के बाद अब सरकार मानवरहित पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी, पॉड टैक्सी) चलाने की तैयारी कर रही है।सरकार नियो मेट्रो पर केंद्र से हरी झंडी मिलने की कम संभावनाओं के बीच हरिद्वार के साथ दून में भी पॉड कार यानी पीआरटी सिस्टम लाएगी। जल्द ही दून की सड़कों पर पॉड टैक्सी फर्राटा भरती नजर आएगी। आइए जानते है सरकार के प्लान सहित इस पॉड टैक्सी की खासियत और रूट के बारे में…

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार देहरादून में नियो मेट्रो का संचालन नहीं हो पाने के कारण पीआरटी सिस्टम लागू हो सकता है। इसके लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) को सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंप्रेंसिहिव मोबिलिटी प्लान के तहत पीआरटी सिस्टम का प्रजेंटेशन दिया। शासन की और से सिंगापुर की तर्ज पर पर्सनल रैपिड ट्रॉजिट ट्रांसपोर्ट, पीआरटी के तहत बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर सहमति दी गई थी। यूकेएमआरसी ने दून में 2022 करोड़ की लागत से 18 किमी रोपवे, 1778 करोड़ की लागत से 25 किमी एलिवेटेड बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) का प्रस्ताव दिया, जिसे मुख्य सचिव ने अव्यवहारिक बताया। तीसरा विकल्प दून में 1753 करोड़ की लागत से 25 किमी पीआरटी का आया।

अब देहरादून में भी 25 किमी पीआरटी को लेकर सर्वे कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि पहले चरण में पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक 6 किमी के रुट पर इसका संचालन किया जा सकता है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पॉड टैक्सी को पंडितवाडी से रेलवे स्टेशन तक चलाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि मेट्रो कारपोरेशन की योजना के तहत पांच सौ पॉड टैक्सी चलाई जाएंगी। एक पॉड में छह लोग बैठ सकेंगे। इनकी स्पीड 40 से 60 किमी प्रति घंटे होगी। फिरहाल कारपोरेशन द्वारा चिन्हित इन सभी कॉरिडोर पर ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन का अध्ययन कराया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कारपोरेशन इसकी डीपीआर तैयार करके शासन के समक्ष रखा जाएगा।

दो मिनट के भीतर मिलेगी पॉड

आपको बता दें कि कोच को पॉड कहा जाता है। चालक रहित यह प्रणाली प्रत्येक कोच व पूरे ट्रैक पर स्थापित लेजर बेस्ड गाइडिंग के आधार पर संचालित होती है। इस प्रणाली में बनने वाले प्लेटफार्म पर लोग टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल पर गंतव्य का स्थान डालेंगे और दो मिनट के भीतर पॉड वहां आ जाएगा। पॉड टैक्सी या विशेष तौर पर निर्मित गाइडवे नेटवर्क पर 4-6 यात्रियों की क्षमता वाले वाहन संचालित होंगे। पॉड कार उन इलाकों के लिए यातायात का सबसे सही साधन है, जहां काफी भीड़भाड़ हो और जमीन पर ट्रैफिक के लिए और साधन बनाने की जगह न हो।

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