आर्ट आफ लिविंग की नशा मुक्ति कार्यशाला
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
बंदीजन ने हाथ उठा कर लिया नशा मुक्ति का संकल्प
हरिद्वार। ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ अन्तर्गत श्री श्री रविशंकर जी द्वारा स्थापित व संचालित ‘आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ के हरिद्वार चैप्टर द्वारा आयोजित छ: दिवसीय विशेष कार्यशाल आज स्थानीय रोशनाबाद कारागार में संपन्न हो गयी। कार्यशाला में बंदीजनों को प्रतिदिन योग, प्राणायाम, ध्यान और श्वाँसों की ‘सुदर्शन क्रिया’ का अभ्यास कराया गया।
आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक तेजिंदर सिंह पिछले 13 वर्षों से कैदियों के लिये इस कार्यशाला आयोजन कराते आ रहे हैं।
कार्यक्रम के समापन सत्र में सम्बोधित करते हुए तेजिन्दर सिंह ने कहा कि, “आज देश के युवा नशे और नशीली दवाइयों से प्रभावित होते जा रहे हैं। इस बढ़ते सैलाब को रोकना होगा।” तेजिंदर सिंह ने नशे से होने वाले नुकसान के बारे में कैदियों को अवगत कराते हुए कहा कि, “हर नशा गलत है, लेकिन ड्रग्स का नशा शरीर और मन के लिए हर तरह से बहुत ही हानिकारक है। मन नकारात्मक विचारों से भर जाता है। जीवन में क्या सही है और क्या गलत है, कोई महत्व नहीं रह जाता। इस तरह नशा करके हर तरह से शरीर तो खराब होता ही है पूरा परिवार भी तबाह हो जाता है। ड्रग्स का नशा करने से सबसे ज्यादा नुकसान मानसिक स्थिति का होता है । किन्हीं भी हालात में हमें ड्रग्स के नशे से बचना है। हमें एक अभियान चला कर ‘नशे से मुक्ति’ व ‘नशे को ना’ कहने का संदेश घर-घर पहुँचाना होगा।”
उन्होंने बताया कि, “सुदर्शन क्रिया अपने आप में एक अद्भुत व चमत्कारी सांसों की क्रिया है। सुदर्शन क्रिया करने से मन शांत होता है। नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। शरीर और मन एक नई शक्ति और नयी ऊर्जा को महसूस करते हैं। जब मन में इस तरह का वातावरण बन जाता है, तो नशा लेने की लत अपने आप कम होने लगती है और धीरे-धीरे सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करने से, नशे से पूरी तरह मुक्ति मिल जाती है।”
इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डा. आर सी गैरोला जी ने कहा कि, “सुदर्शन क्रिया करने से कैदियों के व्यवहार में सुधार हुआ है। हम चाहेंगे कि ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम इस कारागार में करते रहें, ताकि हमारे सभी कैदी इस का फायदा उठा सके। अंत में कार्शाला में शामिल सभी कैदियों ने दोनों हाथ उठाकर, पूरे दिल से नशा छोड़ने का संकल्प किया। कार्यक्रम के आयोजन मे वरिष्ठ जेल सुपरिंटेंडेंट मनोज कुमार व प्रभारी जेलर प्यारेलाल आर्य का विशेष सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त रहा।
उल्लेखनीय है कि नशा मुक्ति अभियान के तहत इस तरह की कार्यशालाएँ संस्था द्वारा शिक्षण संस्थाओं में भी की जा रही हैं।