बड़ी खबर(उत्तराखंड) 15 अगस्त को दिल्ली में यह जन प्रतिनिधियों होगें सम्मानित ।।
Kuldeep Khandelwal/ Niti Sharma/ Kaviraj Singh Chauhan/ Vineet Dhiman/ Anirudh vashisth/ Mashruf Raja / Anju Sandip
पंचायतीराज मंत्रालय के मानकों के आधार पर राज्यों द्वारा चयनित अपनी पंचायत में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 150 महिला जनप्रतिनिधियों को केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को विशेष अतिथि के रूप में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
उत्तराखंड से चार महिला ग्राम प्रधान भी इस समारोह में शामिल होंगी। इनमें से दो प्रधान देहरादून जिले से और एक-एक प्रधान पौड़ी और पिथौरागढ़ से चुनी गई हैं। इन सभी को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा। इस आयोजन के लिए अपर जिला पंचायत राज अधिकारी डा. विनीता सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनकी निगरानी में सभी प्रधान 13 अगस्त को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।
तीन जिलों से चुने गए चार महिला ग्राम प्रधान
केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशभर से पंचायतों की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। इसके लिए हाल ही में पंचायती राज मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महिला पंचायत प्रतिनिधियों का चयन करने के निर्देश दिए थे। राज्यों से प्राप्त नामों के आधार पर अंतिम सूची तैयार की गई है, जिसमें उत्तराखंड से चार महिला ग्राम प्रधान शामिल हैं। देहरादून जिले के सहसपुर ब्लॉक के ग्राम पुरोहितवाला पोस्ट घंघोड़ा की प्रधान मीनू क्षेत्री ने ग्राम पंचायत में गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत टीकाकरण, घर-घर पेयजल आपूर्ति और ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्य किए हैं।
ग्राम प्रधानों द्वारा की गई हैं कई प्रभावशाली पहल
वहीं सहसपुर ब्लॉक के वार्ड आठ, केदारवाला की प्रधान तबस्सुम परवीन ने ग्राम पंचायत में गर्भवती महिलाओं का शतप्रतिशत टीकाकरण, महिला अपराध के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम और ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्य किए। पौड़ी जिले की खिर्सू ब्लॉक की ग्राम पंचायत मरखोड़ा की प्रधान मनीषा बहुगुणा ने पर्यावरण संरक्षण के तहत पांच हजार पौधे लगाए, बंजर भूमि पर तालाब बनवाए, कंप्यूटर और सिलाई प्रशिक्षण प्रदान किए और जैविक खेती को बढ़ावा दिया। पिथौरागढ़ के डीडीहाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत ननकुड़ी की प्रधान ममता ने गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया, शौचालयों का निर्माण कराया, प्लास्टिक कचरे के रिसाइक्लिंग को बढ़ावा दिया और सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं के लिए कूड़ेदान और सामुदायिक शौचालय बनवाए।